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RBI Repo Rate Cut: रेपो रेट में 25 BPS की कटौती, EMI होगी कम | RBI MPC Meeting 2025 का बड़ा फैसला

🏦 आरबीआई MPC की घोषणा: आम आदमी को मिली बड़ी राहत

आरबीआई MPC की घोषणा: आम आदमी को मिली बड़ी राहत
आरबीआई MPC की घोषणा: आम आदमी को मिली बड़ी राहत

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025 को अपनी तीन दिवसीय बैठक के बाद रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (BPS) की कटौती की घोषणा की। इस फैसले से लाखों लोन धारकों को बड़ी राहत मिली है।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने घोषणा की कि रेपो रेट टुडे 5.50% से घटकर 5.25% हो गया है। यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया, जो दर्शाता है कि RBI का मुख्य ध्यान अर्थव्यवस्था के विकास को समर्थन देना है। {RBI MPC Meeting Repo Rate} में यह कटौती, इस वित्तीय वर्ष में चौथी है, जिससे कुल कटौती अब 125 BPS हो गई है।


रेपो रेट क्या है और RBI इसे क्यों कम करता है?

रेपो रेट (Repo Rate) वह ब्याज दर है जिस पर भारत का केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), वाणिज्यिक बैंकों (Kotak Bank, Shriram Finance आदि) को अल्पकालिक ऋण (Short-term loans) देता है। “रेपो” का अर्थ है ‘पुनर्खरीद विकल्प’ (Repurchasing Option)।

  • जब RBI रेपो रेट को कम करता है, तो बैंकों के लिए पैसा उधार लेना सस्ता हो जाता है।
  • यह लागत में कमी बैंक आगे ग्राहकों तक पहुंचाते हैं, जिससे होम लोन इंटरेस्ट रेट, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें कम हो जाती हैं।
  • RBI Rate Cut का उद्देश्य बाजार में नकदी प्रवाह (Liquidity) को बढ़ाना है, जिससे खपत और निवेश को बढ़ावा मिले और आर्थिक विकास (Growth) को गति मिले।

RBI ने यह Rate Cut ऐसे समय में किया है जब देश की मुद्रास्फीति (Inflation) नियंत्रित है और विकास दर (GDP Growth) उम्मीद से अधिक मजबूत बनी हुई है।


RBI Repo Rate Cut का होम लोन और EMI पर सीधा असर

RBI के इस फैसले का सबसे सीधा और बड़ा असर होम लोन (Home Loan) के ग्राहकों पर पड़ेगा। खासकर उन ग्राहकों पर जिनके ऋण फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट (Floating Interest Rate) से जुड़े हुए हैं।

बैंक अब RBI के कदम का पालन करते हुए अपनी ब्याज दरों को कम करेंगे, जिससे आपकी मासिक किस्त (EMI) में कमी आएगी। यह उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जो लोन ईएमआई कैलकुलेटर का उपयोग करके अपनी मासिक बचत का आकलन कर रहे थे।

कितनी होगी बचत? (उदाहरण)

मान लीजिए बैंक रेपो रेट में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों तक पहुंचाते हैं और ब्याज दर 8.50% से 8.25% हो जाती है:

लोन राशिअवधि (वर्ष)मौजूदा EMI (8.50%)नई EMI (8.25%)कुल बचत (EMI में)
₹ 50 लाख20 साल₹ 43,391₹ 42,603₹ 788/माह
₹ 75 लाख25 साल₹ 60,392₹ 59,134₹ 1,258/माह
₹ 1 करोड़30 साल₹ 76,891₹ 75,127₹ 1,764/माह

नोट: ये गणनाएं एक उदाहरण हैं। अंतिम बचत बैंक की ब्याज दरें कम करने की नीति पर निर्भर करेगी।

रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) भी इस फैसले का स्वागत कर रहा है। सस्ते लोन से घर खरीदारों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे इस सेक्टर में मांग बढ़ने की उम्मीद है। {Home Loan Interest Rate} का घटना मध्य और पहली बार घर खरीदने वाले खरीदारों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है। इस विषय पर अधिक जानकारी और सरकारी योजनाओं की अपडेट के लिए आप इस लिंक पर जा सकते हैं: सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें


Nifty और Sensex पर RBI Policy का प्रभाव 📈

RBI की Monetary Policy घोषणा का Share Market Today पर तुरंत और सकारात्मक असर देखने को मिला। रेपो रेट कट की उम्मीद के कारण बाजार पहले से ही उत्साहित था, और घोषणा के बाद यह उत्साह और बढ़ गया।

  • Nifty 50 Live और Sensex Today Live में घोषणा के तुरंत बाद तेज उछाल देखा गया।
  • बैंक और वित्तीय सेवा क्षेत्र, जैसे Kotak Bank और Shriram Finance के शेयर मूल्य में विशेष रूप से वृद्धि हुई, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि उनकी लोन की मांग बढ़ेगी और मार्जिन स्थिर रहेगा।
  • बाजार को यह संकेत मिला कि अर्थव्यवस्था में विकास मजबूत है और मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, जिसे गोल्डीलॉक्स अवधि (Goldilocks Period) कहा जा रहा है—यानी न तो अत्यधिक मुद्रास्फीति और न ही मंदी।

Nifty Share Price में सुधार और बाजार की तेजी से यह स्पष्ट है कि निवेशकों में RBI गवर्नर और MPC के फैसलों के प्रति सकारात्मक भावना है। भारतीय शेयर बाजार की नवीनतम चालों और विश्लेषण के लिए, आप Nifty 50 Chart और विशेषज्ञों की राय इस लिंक पर देख सकते हैं: शेयर बाजार और निवेश की रणनीतियाँ


मुद्रास्फीति और GDP पर RBI का नया अनुमान

RBI MPC Meeting ने न केवल Repo Rate में कटौती की है, बल्कि देश की आर्थिक सेहत के लिए अपने पूर्वानुमानों (Forecasts) को भी संशोधित किया है। ये अनुमान RBI के फैसलों के पीछे के तर्क को स्पष्ट करते हैं:

  • GDP ग्रोथ फोरकास्ट: RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के विकास का अनुमान 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया है। यह मजबूत अर्थव्यवस्था का संकेत है।
  • **मुद्रास्फीति (**Inflation) फोरकास्ट: RBI ने मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 2.6% से घटाकर 2.0% कर दिया है। अक्टूबर 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति रिकॉर्ड 0.25% के निचले स्तर पर आ गई थी।
  • नीतिगत रुख: MPC ने अपने नीतिगत रुख (Policy Stance) को ‘न्यूट्रल’ (Neutral) पर बनाए रखा है, जिसका अर्थ है कि भविष्य में RBI मुद्रास्फीति और विकास के आंकड़ों के आधार पर जरूरत पड़ने पर Rate Cut या Rate Hike के लिए तैयार है।

RBI का मानना है कि खाद्य कीमतों में कमी और मजबूत घरेलू मांग के कारण यह समय रेपो रेट कट के लिए अनुकूल है।


RBI Policy की अन्य मुख्य घोषणाएँ: SDF और MSF दरें

RBI की Monetary Policy में रेपो रेट के अलावा अन्य महत्वपूर्ण दरें भी शामिल हैं:

  • स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) रेट: यह दर भी 25 BPS घटाकर 5.00% कर दी गई है। यह वह दर है जिस पर बैंक RBI के पास अतिरिक्त धन जमा करते हैं।
  • मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट: इन दोनों दरों को भी 5.75% से घटाकर 5.50% कर दिया गया है। यह वह दर है जिस पर बैंक आपातकालीन स्थिति में RBI से धन उधार लेते हैं।

ये सभी दरें एक साथ RBI की Liquidity और क्रेडिट नीतियों को नियंत्रित करती हैं, जिसका समग्र लक्ष्य अर्थव्यवस्था में एक स्थिर और अनुकूल वित्तीय वातावरण बनाए रखना है।

RBI Policy Date and Time की घोषणा के बाद, अब अगली MPC Meeting की तारीखें भी तय हो गई हैं। अगली बैठक 4 से 6 फरवरी 2026 को आयोजित की जाएगी।


💡 निष्कर्ष: भविष्य की राह और आम आदमी की उम्मीदें

RBI MPC Repo Rate Cut का फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम है। RBI News Today यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त करने के बाद सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

इस Rate Cut से Home Loan EMI कम होगी, जिससे आम उपभोक्ताओं के हाथ में खर्च करने के लिए अधिक पैसा बचेगा। यह खपत को बढ़ावा देगा और अंततः अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। Share Market में भी निवेशकों का भरोसा बहाल हुआ है, जिसका संकेत Nifty Live और Sensex के प्रदर्शन में दिखता है। RBI Governor संजय मल्होत्रा के बयान से यह भी स्पष्ट है कि RBI वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश की घरेलू मांग और विकास की गति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

आगे क्या?

चूंकि RBI ने अपना रुख ‘न्यूट्रल’ रखा है, इसलिए बाजार और ग्राहक दोनों की नजर अगली MPC मीटिंग पर होगी कि क्या RBI भविष्य में और Rate Cut की घोषणा करेगा या नहीं। यह पूरी तरह से आगामी महीनों के मुद्रास्फीति और विकास के आंकड़ों पर निर्भर करेगा।

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